सोलह सोमवार व्रत कथा | Solah Somvar Vrat Katha | पौराणिक सोलह सोमवार व्रत कथा | शिव पार्वती कथा #शिव

2024-07-28 22

सोलह सोमवार व्रत कथा | Solah Somvar Vrat Katha | पौराणिक सोलह सोमवार व्रत कथा | शिव पार्वती कथा #शिव @Mere Krishna

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सोलह सोमवार व्रत सामग्री - शिवजी की मूर्ति, भांग, बेलपत्र, जल, धूप, दीप, गंगाजल, धतूरा, इत्र, सफेद चंदन, रोली, अष्टगंध, सफेद वस्त्र, नैवेद्य जिसे आधा सेर गेहूं के आटे को घी में भूनकर गुड़ मिलाकर बना लें। किसी भी पूजा या व्रत को आरम्भ करने के लिये सर्व प्रथम संकल्प करना चाहिये। व्रत के पहले दिन संकल्प किया जाता है।

इस माह में सोमवार के व्रत रख भोलेनाथ को प्रसन्न किया जाता है। इस दौरान कई लोग सावन से शुरू करते हुए सोलह सोमवार के व्रत भी रखते हैं।

आपको सबसे पहले मूर्ति को जल से स्नान कराना होगा और पूजा का सामान रखना होगा। फिर तस्वीर को फूलों और दीयों से सजाएं। इसके बाद वेदी को साफ करें और घी का दीपक जलाएं। फिर भगवान शिव का जप करें और फूल, बेलपत्र धतूरा इत्यादि से पूजा करें।

सोलह सोमवार की पूजा दिन के तीसरे पहर में 4 बजे के आस- पास शुरू करनी चाहिए। सूर्यास्त से पहले पूजन संपूर्ण हो जाना चाहिए इस तरीके से पूजन मुख्य रूप से फलदायी माना जाता है।

सोमवार के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करके साफ वस्त्र धारण करने चाहिएं। फिर शिव मंदिर में जाकर शिवलिंग का जल से अभिषेक करना चाहिए। जलाभिषेक के बाद भगवान शिव और माता पार्वती की श्रद्धा भाव से पूजा अर्चना करें और व्रत कथा अवश्य सुनें। सोमवार के व्रत में एक ही समय भोजन करना चाहिए।

सोलह सोमवार के व्रत में नमक का प्रयोग वर्जित है। इस व्रत में एक समय फलाहार या मीठा भोजन ही खा सकते हैं।

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